केरल की बात करते हैं क्या शहर हमारे लिए महत्वपूर्ण नहींः बृजेश दीक्षित
कानपुर, स्वप्निल तिवारी। जिले के कटरी किनारे स्थित गांवों में पिछले कई दिनों से आई भीषण बाढ़ ने तबाही मचा रखी है गंगा का रौद्र रूप देखकर हर कोई घबराने लगा है गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है जिसने कई कटरी किनारे स्थित गांवों को अपनी आगोश में ले लिया है जिसके चलते लोग पिछले 2 हफ्ते से अपने घरों को छोड़ सड़क पर रहने को मजबूर हो गए है। गांव के लोगों की माने तो ऐसी तबाही का मंजर 10 साल पहले देखा गया था। बाढ़ की चपेट में आये हजारो लोग खुद अपने लिए सड़कों पर व्यवस्था करने में जुट गए है बाढ़ पीड़ितों की दुर्दशा देख जिले के कई समाजसेवियों ने बाढ़ पीड़ितों के लिए अपने राहत केम्प लगा रखे है खाने पीने से लेकर हर इंतजाम समाजसेवी संगठन मुहैया कराते हुए निरंतर नजर आ रहे है। वैसे तो पत्रकार लगातार बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए अपनी खबरों की सच्चाई दिखाकर समाज के लोगों को जागरूक तो कर ही रहे है वहीं अब इसी कड़ी में अब पत्रकार भी बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हो गए है जहां आज कानपुर प्रेस क्लब,जर्नलिस्ट क्लब व दक्षिण क्लब के पत्रकारों ने एकजुट होकर बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्रिया बांटी इसी कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार बृजेश दीक्षित ने अपनी सहभागिता दिखाते हुए इस नेक काम का हिस्सा बनकर एक पत्रकार और दूसरा इंसानियत का फर्ज भी निभाया।
वरिष्ठ पत्रकार बृजेश दीक्षित ने कहा कि जिस प्रकार से गंगा कटरी के क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा आई हैं। हम सभी इनके साथ है आज हम सभी पत्रकारों ने एक पत्रकार बनकर नही बल्कि घर का सदस्य बनकर अपना कर्तव्य निभाया है जहां बाढ़ पीड़ितों को खाद्य राहत सामग्री का वितरण किया बताया कि इस दुख की घड़ी में हम सभी पत्रकार भी कटरीवासियों के साथ है, पत्रकार भी समाज का हिस्सा होता है। दूसरों के दर्द से उसे भी दर्द होता है। दूसरे की तकलीफ से उसे भी तकलीफ होती है। और जिस प्रकार से कटरी वासियों की हालत बाढ़ के कारण बद से बदतर हो गई है। उसको देखकर दिल दुखता है। हम केरल के लिए तो बात करते हैं। कि केरल वासियों की मदद करनी है। लेकिन क्या गंगा कटरी हमारे कानपुर शहर का हिस्सा नहीं है। और कटरी वासियों के लिए क्या हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं है। हम सभी को मिलकर कटरी वासियों की मदद करनी चाहिए। मेरे इस कार्य में कानपुर प्रेस क्लब, कानपुर दक्षिण प्रेस क्लब और कानपुर जर्नलिस्ट क्लब के कई पत्रकार साथी रहे ओर आगे भी साथ है और कानपुर के सभी पत्रकार अपने स्तर से हर संभव मदद करने को तैयार है और जिस प्रकार से अन्य सामाजिक और व्यापारी संगठन मदद में लगे हैं। उनकी जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है।